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सभ्यता अपना नायक सत्ता के तर्कों पर नहीं चुनती… सर्वेश तिवारी श्रीमुख

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सभ्यता अपना नायक सत्ता के तर्कों पर नहीं चुनती, उसके चयन का अपना आधार होता है। सोलहवीं सदी में एक ही साथ दो प्रभावशाली लोग उभरे, एक मुगल बादशाह अकबर और दूसरे गोस्वामी तुलसीदास! अकबर सत्ता के नायक थे, तुलसी सभ्यता के नायक हुए। अकबर ने अपनी सेना के बल पर भूमि जीती, तुलसी ने अपनी भक्ति और कविता के बल पर आमजन का हृदय जीता। अकबर मृत्यु के साथ समाप्त हो गए और लगभग चार सौ वर्ष बाद भी संसार मे सबसे अधिक पढ़ी जाने वाली पुस्तक बाबा तुलसी की रामचरितमानस है, संसार में सबसे अधिक गायी जाने वाली पंक्तियां उन्ही की लिखी “हनुमान चालीसा” की हैं।
भय की स्थिति में यह देश ही हनुमान चालीसा का पाठ करता है। हनुमान चालीसा के पाठ से विपत्ति समाप्त होने का दावा नहीं करते हम, पर भय को जीत लेने का आत्मविश्वास हनुमान चालीसा से अधिक और कहीं से नहीं मिलता। यह बाबा तुलसी और उनकी कविता की शक्ति है।
तुलसी राष्ट्र की सीमाओं को पार कर जापान समेत अनेक देशों के सिलेबस का हिस्सा हैं। सबसे अधिक शोधकार्य उनपर हुए हैं। इतनी लोकप्रियता क्यों मिली उनको? इसके अनेक उत्तर हो सकते हैं, पर मुझे जो सबसे प्रभावी उत्तर लगता है वह है लोक से जुड़े रहने की मासूम जिद्द! अपने युग के समस्त विद्वानों का तिरस्कार झेलने के बाद भी रामकथा को संस्कृत की जगह अवधी में लिखना लोक से जुड़े रहने की जिद्द ही थी, और फिर लोक भी उनसे उसी जिद्द के साथ जुड़ा। कविता यदि पुरस्कारों की चयन समिति को ध्यान में रख कर लिखी जाय तो पुरस्कृत होने पर भी कुछ वर्षों में कूड़ा हो जाती है, पर यदि लोक के लिए लिखी जाय तो युग युगांतर तक निर्बाध यात्रा करती है।
बाबा तुलसी से जुड़ी एक कथा है। उनसे प्रभावित हो कर अकबर ने उन्हें चमत्कार दिखाने के लिए अपने दरबार मे बुलवा भेजा! बाबा को इस प्रदर्शन में क्यों रुचि होती भला? उन्होंने मना कर दिया। क्रोधित हो कर अकबर ने उन्हें बंदी बनवा दिया। अगली सुबह राजधानी में बंदरों का उत्पात शुरू हो गया। लोग त्राहि त्राहि कर उठे। बताया गया कि यह हनुमान जी का क्रोध है। मजबूर अकबर ने इस चमत्कार के आगे शीश झुका कर बाबा को मुक्त कराया तब जा कर बंदरों का उत्पात बन्द हुआ।
सम्भव है कि यह कथा अतिशयोक्तिपूर्ण हो, पर यदि उस कवि का महिमामंडन करने के लिए ऐसी कथा गढ़ी गयी और वह चार सदियों तक प्रचलित भी रही, इससे सिद्ध होता है कि आमजन की बहुत ही श्रद्धा रही बाबा तुलसी पर! इतनी श्रद्धा संसार के किसी अन्य कवि को नहीं मिली।
आपने किसी कवि को पहलवानी करते देखा है? नहीं देखा होगा। दोनों बिल्कुल विपरीत बातें हैं। सरल हृदय कवि पहलवानी के दण्ड-बैठकों को नहीं स्वीकार पाता। पर बाबा तुलसी ने काशी में अपना अखाड़ा शुरू किया था। शायद यह उस युग की आवश्यकता थी कि आम जन शक्तिशाली हों। आखिर उस युग के रावण के साथ भिड़ने के लिए भी अंगद और हनुमान जी वाली शक्ति की भी आवश्यकता थी न? आमजन कथा सुनने आते और जय श्रीराम के नारे के साथ कुश्ती के दाव लगाते और देह को शक्तिशाली बनाते। शौर्य के क्षणों में “जय श्रीराम” के नारे लगाने की परम्परा आज की नहीं है, यह परम्परा अकबर के युग मे बाबा तुलसी ने शुरू की थी।
लोक के सबसे प्रिय कवि को नमन!

– लेख वरिष्ठ साहित्यकार एवं लेखक सर्वेश तिवारी ‘श्रीमुख’ , गोपालगंज(बिहार) के फ़ेसबुक पोस्ट से साभार.

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बंगाल

मुहर्रम पर विधिव्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की बैठक

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लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान- मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में आगामी मुहर्रम पर्व 2024 के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आहूत की गयी। जिसमें मुख्य रूप से विधि व्यवस्था, शांति समिति की बैठक, निरोधात्मक कार्रवाई एवं अन्य व्यवस्था आदि पर सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ विस्तार से चर्चा की गयी। विधि व्यवस्था के संबंध में उपर्युक्त स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, संवदेनशील स्थानों को चिन्हित करना, रूट का सत्यापन एवं विगत वर्षों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर ससमय उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया ताकि विधि व्यवस्था बनी रहे। जिलास्तर से लेकर अनुमंडल एवं थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक का आयोजन कराने के साथ-साथ संबंधित अनुमंडलों में मुहर्रम पर्व के अवसर पर विभिन्न धाराओं के तहत असामाजिक व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मुहर्रम पर्व के अवसर पर यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु नगर गश्ती दल, ध्वनी प्रदुषण / मद्यनिषेध पर रोक, चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ किये जाने का निदेश दिया गया ताकि मुहर्रम पर्व को शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में अमनो अमान एवं भाईचारे के साथ मनाया जा सके। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सिवान जिला से जिला पदाधिकारी सिवान, पुलिस अधीक्षक सिवान, सुश्री नेहा कुमारी प्रशिक्षु आई०ए०एस० एवं विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा सिवान आदि उपस्थित रहे।

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सिवान

सेल्फी विथ प्लांट अभियान के अंतर्गत किया गया पौधरोपण

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लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान-; सेल्फी विथ प्लांट के अंतर्गत एक बार फिर से रविवार को हसनपूरवा गाँव में आवला और नीम के पौधों को लगाकर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया गया।इस अभियान के अंतर्गत लगातार प्रत्येक रविवार को वृक्षरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का शपथ लिया गया जिसमें डेनीयल क्लब ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अमित वेलफेयर ट्रस्ट के निदेशक अमित सिंह भी मौजूद रहे। बतादें कि हरित संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर कार्य कर रही संस्था डेनीयल क्लब ट्रस्ट ने इस अभियान को लगातार विस्तारित करने की बात कही। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष विदित कुमार सोनी, सचिव पंकज गुप्ता, मनीष, विजय प्रकाश, नेमतुल्लाह, अभिषेक गिरी, गौरव श्रीवास्तव, डा अमित, महाराजा दुबे, दीपक राम समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।ट्रस्ट ने आधिकारिक बयान मे बताया की आज के पौधरोपण के साथ ही 100 पौधे पुरे हुए और अब इसे और धार देने की जरुरत है।सचिव पंकज जी ने नीम और आवला जैसे पौधो की उपयोगिता के बारे मे लोगो को जानकारी दी और जागरूक किया।

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सिवान

दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” का हुआ शुभारंभ

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लोकतंत्र न्यूज नेटवर्क, सिवान-; राष्ट्र सर्वोपरि की सोच रखने वाले देश के प्रबुद्ध नागरिकों का अखिल भारतीय संगठन भारत विकास परिषद् के संस्थापक डॉ सूरज प्रकाश जी के जयंती के अवसर पर गुरुवार को दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के अस्पताल परिसर में भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा सिवान के तत्वावधान में “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर शहर के प्रसिद्ध जांच घर एक्यूरेट डायग्नोसिस सेंटर के सहयोग से दर्जनों महिलाओं का हीमोग्लोबिन जाँच कर के उन्हें डॉ अंजू सिंह के नेतृत्व में उचित परामर्श एवं मुफ्त दवा उपलब्ध कराया गया।इस मौके पर भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा के सचिव भारत भूषण पाण्डेय ने बताया कि परिषद् के द्वारा प्रति माह अलग-अलग स्थानों पर शिविर आयोजित कर के अधिक से अधिक महिलाओं एवं बालिकाओं का हीमोग्लोबिन जांच कर के उन्हें उचित परामर्श एवं मुफ्त में दवा उपलब्ध कराया जाएगा।

बताते चलें कि गुरुवार को डॉ सुरज प्रकाश जी के जयंती के अवसर पर सर्वप्रथम उनके तैल चित्र पर भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा सिवान के सदस्यों ने प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी के नेतृत्व में पुष्पांजलि अर्पित कर के डॉ सुरज प्रकाश जी को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सचिव भारत भूषण पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ श्रवण सिंह, वरिष्ठ सदस्य नवीन सिंह परमार, रोहित कुमार, इंदल कुमार सिंह, निलेश वर्मा, आनंद मित्तल, मनोज कुमार सिंह, वरुण कुमार द्विवेदी, महिला बाल विकास प्रमुख डॉ अंजू सिंह,अस्पताल प्रभारी डॉ विजय गणेश यादव, डॉ शुभनारायण तिवारी
सहित दर्जनों की संख्या में भारत विकास परिषद् के सदस्य एवं शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।

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