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दिल्ली

पीएम मोदी के भाई बैठे धरने पर,‘पश्चिम बंगाल मॉडल’ लागू करने की कर रहे मांग

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नेशनल डेस्क,नई दिल्ली;

मुफ्त राशन वितरण के पश्चिम बंगाल मॉडल को लागू करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी जो एक राशन डीलर हैं मंगलवार को अपने संगठन के साथ जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रह्लाद मोदी अपने संगठन की की मांगों को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। वह ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन (AIFPSDF) के उपाध्यक्ष हैं। प्रह्लाद मोदी के साथ संगठन के कई अन्य सदस्य भी हाथों में पोस्टर लेकर जंतर मंतर पर नारे लगा रहे थे। AIFPSDF के अध्यक्ष बिस्वंभर बसु ने कहा है कि अपनी नौसूत्रीय मांगों को लेकर वे प्रधानमंत्री को ज्ञापन देंगे। उन्होंने कहा कि बुधवार को वे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से भी मिलने वाले हैं।
AIFPSDF की मांग है कि फेयर प्राइस शॉप पर अगर चावल, गेहूं, चीनी के साथ खाने के तेल और दालों का भी नुकसान होता है तो मुआवजा मिलना चाहिए। मांग है कि मुफ्त राशन वितरण के ‘पश्चिम बंगाल राशन मॉडल’ को पूरे देश में लागू किया जाए। इसके अलावा संगठन की मांग है कि जम्मू-कश्मीर समेत सभी राज्यों बकाया मार्जिन का भुगतान जल्द कर दिया जाए।
बसु ने बताया, हमारी यह भी मांग है कि फेयर प्राइस शॉप से ही खाने के तेल, दालों और एलपीजी गैस की सप्लाई होनी चाहिए। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को फेयर प्राइस डीलर्स को चावल और गेहूं की सीधी खरीद का भी अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद सौगता रॉय ने भी संसद में उनकी मांगें उठाई थीं। हालांकि अबतक इसपर मंत्रालय ने कोई आश्वासन नहीं दिया है।

AIFPSDF के धरना में शामिल पीएम के भाई प्रह्लाद मोदी व अन्य
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थावे विद्यापीठ हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए कृत संकल्पित है – डॉ. पी. के. बाजपेयी

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लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान-; थावे विद्यापीठ का विशेष अधिवेशन गोपालगंज स्थित शंकर शिव नारायण साहित्य ग्राम,बलिवन सागर में आयोजित हुआ।इसका विधिवत उद्घाटन जयप्रकाश विश्वविद्यालय,छपरा के माननीय कुलपति डा परमेंद्र कुमार बाजपेई ने किया। उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि थावे विद्यापीठ राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने थावे विद्यापीठ के कार्यों की भूरिश: प्रशंसा की।अध्यक्षता करते हुए थावे विद्यापीठ के माननीय कुलपति डा विनय कुमार पाठक ने भी कहा कि विद्यापीठ ग्रामीण क्षेत्रों में राज भाषा हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए अपने स्थापना काल से ही प्रयत्नशील है और हिंदी के विकास के लिए लगातार अधिवेशन कर रहा है। विद्यापीठ हिंदी की विशिष्ट सेवा करने वाले साहित्यकारों को विद्या-वाचस्पति और विद्या-सागर की मानद उपाधियों से सम्मानित करता है।विद्यापीठ के इस विशेष अधिवेशन में होली मिलन, कवि गोष्ठी और अलंकरण समारोह का भी आयोजन हुआ। इस पुनीत अवसर पर डा त्रिलोक चंद्र फतेहपुरी की पुस्तक ‘उत्कल दर्शन’,डा अलका वर्मा की पुस्तक ‘एक टीस’ और डा गिरधारी लाल अग्रवाल की पुस्तक ‘श्री अग्रसेन महापाठ एवं चालीसा’ का अतिथियों द्वारा विमोचन भी किया गया।इस समारोह में कतिपय हिंदी विद्वानों और विदुषियों को मानद् विद्यावाचस्पति (पीएचडी) और मानद् विद्यासागर(डी.लिट्.) की उपाधि भी प्रदान की गई।इस अवसर पर जे पी विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति डा पी के वाजपेयी को विद्यासागर (डी लिट् ) की मानद उपाधि प्रदान की गई।जिज्ञासा संसार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर देय पुरस्कारों से कतिपय विद्वानों को नवाजा गया। प्रथम पुरस्कार शंकर यति स्मृति सम्मान 2024 डा राम बदन बरुआ को दिया गया। सम्मान में 21000/रुपये की राशि सम्मान पत्र एवं स्मृति पत्र देकर सम्मानित किया गया।यह मानद सम्मान किसी वरिष्ठ साहित्यकार को साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। द्वितीय पुरस्कार माता राम दुलारी देवी सेवा सम्मान मध्य प्रदेश रीवा की रहने वाली कोमल अवस्थी को दिया गया। एतदर्थ 5000/राशि सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।यह मानद सम्मान समाज सेवा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले समाज सेवक या सेविका को प्रदान किया जाता है। तृतीय पुरस्कार जिज्ञासा संसार प्रतिभा शिल्पी सम्मान डा मीना कुमारी परिहार ‘मान्या’ को प्रदान किया गया। एतदर्थ 5000/ की राशि, सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।यह मानद सम्मान किसी शिक्षा सेवी को शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने हेतु दिया जाता है। चतुर्थ पुरस्कार जिज्ञासा संसार कर्मवीर सम्मान संयुक्त रूप से डा के एन राय कमलेश और श्री रमेश चंद झा को प्रदान किया गया। एतदर्थ 5000/राशि सम्मान पत्र और स्मृति पत्र देकर सम्मान किया गया। यह मानद सम्मान पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। पं अनिल कुमार शास्त्री को पत्रकारिता गौरव सम्मान प्रदान किया गया।विद्यापीठ के कुलगीत से संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे -डा के एन राय कमलेश,डा ललितेश्वर कुमार,डा आंनद प्रकाश सिंह,डा मनोज गोवर्धन पुरी,डा राजीव कुमार,डा राम बदन बरुआ,डा प्रभात कुमार सिन्हा,डा मीना कुमारी परिहार,डा पवन कुमार पाण्डेय,डा गिरधारी लाल अग्रवाल , डा त्रिलोक चंद्र फतेहपुरी जी ,डा उषा श्रीवास्तव,डा संगीता सागर डा अलका वर्मा,डा दुर्गा चरण पाण्डेय ,डा पंकज प्रियम, डा महंत देवनायक दास,अशोक कुमार पाण्डेय पं अनिल शास्त्री,श्रीमती माण्डली मिश्रा डा संजू साहू आदि।आगत अतिथियों का भव्य स्वागत प्रतिकुलपति डा जंग बहादुर पाण्डेय ने किया और कहा कि बलियन सागर ग्राम के आम्र कुंजों के बीच आयोजित यह सम्मेलन विश्व भारती, शांतिनिकेतन की याद दिला रहा है। संचालन डा अरविन्द आनंद और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डा पी एस दयाल यति ने किया। राष्ट्र गान से समापन हुआ।

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वाॅटर सैनिटेशन पर दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में सिवान की रही भागीदारी

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वरिष्ठ पत्रकार श्री नवीन सिंह परमार, (सिवान)-; पानी, स्वच्छता व स्वच्छ व्यवहार को बढ़ावा देने में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए वॉस इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली व सहगल फाउंडेशन, गुरूग्राम के संयुक्त तत्वधान में नई दिल्ली के एरोसीटी स्थित होटल लेमन ट्री प्रीमियर में 21 से 23 जून तक सामुदायिक वॉश प्रमोशन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला में जल प्रबंधन पानी से संबंधित अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य करने वाले देश के कई विश्वविद्यालयों के शोध छात्र,युवा जल वैज्ञानिक, जल प्रबंधक व जल प्रबंधन पर कार्य करने वाले स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए थें।
इस कार्यशाला में बिहार का प्रतिनिधित्व सिवान की सामुदायिक रेडियो स्टेशन रेडियो स्नेही के जनसंपर्क अधिकारी नवीन सिंह परमार ने किया।

कार्यशाला से लौट कर नवीन सिंह परमार ने बताया कि पानी, स्वच्छता व स्वच्छ व्यवहार को बढ़ावा देने में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए नई दिल्ली में आयोजित
इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में भाग लेकर बहुत कुछ सिखने का मौका मिला। रेडियो स्नेही जल्द ही सिवान के कुछ सामाजिक संगठनों एवं शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर पानी, स्वच्छता व स्वच्छ व्यवहार विषय पर सिवान में सामुदायिक स्तर पर पर कार्य का शुभारंभ करेगा।
उन्होंने कहां कि सुरक्षित जल, स्वच्छता और साफ-सफाई तक पहुंच स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सबसे बुनियादी मानवीय आवश्यकता है। तेजी से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण और कृषि, उद्योग और ऊर्जा क्षेत्रों में पानी की बढ़ती जरूरतों के कारण पानी की मांग बढ़ रही है।
वर्तमान स्थिति बनी रही तो 2030 तक अरबों लोगों को इन बुनियादी सेवाओं से वंचित होना पड़ेगा। पानी के दुरुपयोग, खराब प्रबंधन, भूजल के अत्यधिक दोहन और मीठे पानी की आपूर्ति के प्रदूषण ने जल संकट को बढ़ा दिया है। इसके अलावा, देशों को खराब जल-संबंधी पारिस्थितिकी तंत्र, जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली पानी की कमी, पानी और स्वच्छता में कम निवेश और सीमा पार जल पर अपर्याप्त सहयोग से जुड़ी बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।2030 तक पीने के पानी, स्वच्छता और स्वच्छता तक सार्वभौमिक पहुंच तक पहुंचने के लिए, प्रगति की वर्तमान दरों को चार गुना बढ़ाने की आवश्यकता होगी। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने से सालाना 829,000 लोगों को बचाया जा सकेगा जो असुरक्षित पानी, अपर्याप्त स्वच्छता और खराब स्वच्छता प्रथाओं के कारण सीधे तौर पर होने वाली बीमारियों से मर जाते हैं।

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दिल्ली

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का निधन

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नई दिल्ली -: जदयू के पूर्व अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी पुत्री सुभाषिनी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी। शरद यादव ने 75 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके शरद यादव का निधन गुरुग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल में हुआ। शरद यादव अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय मंत्री थे।

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