बिहार
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे आचार्य परशुराम शास्त्री : डॉ पी.एस. दयाल यति
पटना(कुमार सुन्दरम)।पटना के अक्षय नगर के जकरियापुर स्थित “माई दरबार” सभागार में आचार्य परशुराम शास्त्री की तृतीय पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में ‘स्वरांजलि समारोह’ संपन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने की।
कार्यक्रम का उद्घाटन थावे विद्यापीठ के कुलसचिव डॉ पी.एस. दयाल यति ने दीप प्रज्वलित कर किया एवं उद्घाटन भाषण में कहा कि आचार्य परशुराम शास्त्री बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।भोजपुरी साहित्य-संस्कृति,गीत-संगीत एवं आध्यात्म के प्रति ना केवल उनका लगाव रहा,बल्कि इन क्षेत्रों में इन्होंने पूरे तन्मयता से काम किया।भोजपुरी साहित्य और संगीत इनके बिना अधूरा दिखता है। इनके आध्यात्मिक शिक्षा का प्रसार देश के बाहर तक है जो प्रमाणित करता है कि उनका व्यक्तित्व दिव्य था। स्वरांजलि के मुख्य अतिथि एवं पटना विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ) लक्ष्मी नारायण सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मैं पूरे जीवन गुरुदेव का नाम नहीं लिया क्योंकि परंपरा के अनुसार अपने गुरु का नाम नहीं लिया जाता है।भारतीय सभ्यता-संस्कृति,लोक-साहित्य एवं लोकगीत को समर्पित व्यक्तित्व गुरु जी की साया मात्र मैं अपने आप को मानता हूं।मैं जो कुछ भी हूं उनके आशीर्वाद से हूं।मेरे जैसे उनके सभी शिष्य लगे हुए हैं कि गुरुजी के अधूरे सपने को पूरा करें।मेरा विश्वास है कि हम अपने जीवन काल में इस सपने को अवश्य पूरा कर लेंगे। स्वरांजलि के मुख्य वक्ता और डीडी न्यूज़ बिहार के संपादक अजय कुमार ने कहा कि मैं जिस विद्यालय में पढ़ा उस उच्च विद्यालय के शिक्षक रहे अचार्य प्रशांत शास्त्री के संस्कारों को हम लोग जीने का प्रयास करते हैं।मैं जानता हूं कि गुरु जी का व्यक्तित्व विराट था।मैं उतना विराट नहीं हो सकता,लेकिन विश्वास है कि उनके आदर्शों पर चलते हुए अपने व्यक्तित्व में निखार ला सकता हूं और जो कुछ भी हूं उससे कुछ अच्छा हो सकता हूँ ।
बतौर विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद रविंद्र प्रसाद सिन्हा ने कहा कि शास्त्री जी गायक गीतकार,साहित्यकार,धर्म-मर्मज्ञ एवं मनुष्यता को समर्पित ऐसे शख्सियत थे जिनके सामने उदास से उदास व्यक्ति भी मुस्कुरा देता था और बहुत खुश वैसा आदमी जो गलत-सही करके धन-अर्जन कर विलासी जीवन जीने वाला सामने पड़ जाता था तो उनके गंभीर व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाता था।यानी गुरुजी का व्यक्तित्व समुद्र से भी ज्यादा गंभीर और तरंग से भी हल्का दिखता था। हमने पाया है कि वे बहुत कुछ थे लेकिन उनसे बड़ा मानवीय संवेदनाओं का पुजारी अपने जीवन में मैंने दूसरा नहीं देखा । हमारे वे मित्रवत थे लेकिन समय आने पर वे कब गुरु हो जाते थे? मैं अपनी समस्याओं से पार होने के बाद ही समझ पाता था।
प्रसिद्ध साहित्यकार समालोचक शिक्षाविद डॉ शिवनारायण ने कहा कि आचार्य जी के सानिध्य में लंबे समय तक रहने का अनुभव तो नहीं है लेकिन उनका विशेष गुण जो मुझे प्रभावित करता है वह यह है कि वे गंभीर से गंभीर बातों को बहुत ही सहज भाव से कह जाते थे।उनकी सहजता हमें प्रेरित करती है।।
अपने अध्यक्षीय भाषण में वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि गुरुजी जब हम लोगों के बीच थे तो समझ नहीं पाए और आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं तब उनके साथ-सानिध्य की यादें अनवरत कुछ ना कुछ शिक्षा देती प्रतीत हो रही हैं।अब पता चलता है कि हम लोग अपने आचार्य से दूर नहीं हैं,बल्कि एक विचारधारा से दूर हो गए हैं।जरूरत है इस विचारधारा को अक्षरवद्ध करने की।हम सभी मिलकर ऐसा करें कि उनकी चीजों से युक्त एक पुस्तक का प्रकाशन हो और अगले पुण्यतिथि के दिन उसका लोकार्पण हो।
स्वरांजलि में डॉ सुनील उपाध्याय, डॉ प्रणव पराग,दया शंकर पांडेय, प्रदीप सिंह यादव,बम शंकर मिश्र ने अपने स्वरों के साथ संगीतमय श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर दामोदर शर्मा, शैलेंद्र कुमार,जीत यात्री,सुमित कुमार गिरी, विश्वजीत सिंह अमित,डॉ शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय, विनोद पाठक,डॉ पंकज प्रियम, दिलीप कुमार ,कुमार सिद्धू शर्मा,प्रशांत कुमार सहित विभिन्न साहित्यसेवी,विषय-विशेषज्ञ,पत्रकार एवं समाजसेवियों ने अपने विचार व्यक्त किये।अंत में माई दरबार के संयोजक कुमार सुन्दरम ने धन्यवाद ज्ञापन करने के साथ समारोह के समापन की घोषणा की।
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विधायक सी एन गुप्ता ने इंटरसिटी एक्सप्रेस को सोनपुर स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
लोकतंत्र न्यूज नेटवर्क, छपरा-;
यात्री सुविधा को ध्यान में रखकर और परिचालन में आमजन को सहूलियत के लिए इंटरसिटी एक्सप्रेस का पुनः परिचालन रेलवे द्वारा किया जा रहा है यह एक अभूतपूर्व निर्णय है. इससे आम जनों के साथ साथ नौकरी पेशा दैनिक यात्रियों को भी काफी सहूलियत होगी उक्त बातें कही छपरा विधायक डॉक्टर सी एन गुप्ता ने. विधायक ने कहा कि मोदी सरकार लोगों के हित के लिए हमेशा तत्पर रहती है लेकिन कागजी प्रक्रिया के कारण इंटरसिटी एक्सप्रेस के परिचालन में थोड़ी देरी हुई है अब इसके परिचालन के पुनः शुरू हो जाने से काफी सहूलियत होगी. इस दौरान स्थानीय सोनपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे के अधिकारियों एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ छपरा विधायक डॉक्टर सी एन गुप्ता ने सोमवार को हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया।
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डॉ प्रजापति त्रिपाठी बने अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा का अध्यक्ष
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान-; अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा, सिवान इकाई के तत्वावधान में रविवार को सिवान स्थित भगवान पैलेस में संगठन विस्तार समारोह का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष शिवधारी दुबे ने की।संगठन विस्तार समारोह के दौरान प्रदेश अध्यक्ष शिवधारी दुबे ने दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी को सिवान इकाई का जिलाध्यक्ष नियुक्त करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा।इस दौरान उन्होंने ब्राह्मण समाज को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए संगठन को और धारदार बनाने की आवश्यकता है।वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष संजय पांडेय ने 51 सदस्यीय समिति का गठन कर प्रत्येक सदस्यों से एक- एक हजार रुपये का आर्थिक सहयोग करने की बात कही जिससे कि ब्राह्मण समाज के गरीब व जरूरतमंद परिवार के बच्चियों की शादी में आर्थिक सहयोग किया जा सके।जिलापरिषद की पूर्व अध्यक्ष लीलावती गिरि ने कहा कि वे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा से जोड़ने का कार्य करेंगी जिससे कि सभा में मातृशक्ति की समस्याओं को समझा जा सके और उनका समाधान व उन्हें उचित सम्मान मिल सके।वहीं डॉ वाचस्पति त्रिपाठी ने कहा कि यह सर्वविदित है कि ब्राह्मण समाज सदियों से पूज्यनीय और श्रेष्ठ रहा है, जरुरत है कि अपने गौरवशाली वैभव को पुनः प्राप्त कर ब्राह्मण समाज को और मजबूत किया जा सके जिससे कि समाज और राष्ट्र का कल्याण हो।वहीं डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने जिलाध्यक्ष नियुक्ति पर प्रदेश इकाई एवं आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि जो दायित्व मुझे मिला है मैं सम्पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ खरा उतरने का प्रयास करूंगा साथ ही ब्राह्मण समाज को एकजुट व मजबूत करने के लिए संगठन को जिला से लेकर पंचायत व सभी वार्डों तक विस्तार कर सम्पूर्ण ब्राह्मण समाज को एकजुट किया जायेगा।साथ ही समाज के लोगों की समस्याओं को समझने जानने व समाधान का पूरा प्रयास किया जाएगा जिससे कि संगठन को भी समाज का भरपूर समर्थन मिल सके।इस परम उद्द्येश्य की प्राप्ति हेतु ब्राह्मण समाज का सहयोग अपेक्षित है।आप सभी गणमान्य आगंतुकों ने अपनी उपस्तिथि दर्ज कराकर इस समारोह को सफल बनाया इसके लिए आप सभी के प्रति ह्रदय से आभार व साधुवाद प्रकट करता हूँ।आपकी उपस्थिति व संगठन के प्रति निष्ठा व समर्पण को देखते हुए पूर्ण विश्वास है कि संगठन अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में निश्चित ही सफल होगा”।इस मौके पर उपाध्यक्ष विजय मिश्रा,पत्रकार अरबिंद पांडेय,अधिवक्ता विजय पांडेय,दयानन्द आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ बागेन्द्र नाथ पाठक,वैद्य वीरेंद्र उपाध्याय,डॉ उपेंद्र पर्वत, प्रभाकर पाण्डेय, प्रकाश पांडेय,मधुरंजन तिवारी,सुशील पांडेय, सुधीर द्विवेदी,सुनील पांडेय तथा सचिन पर्वत सहित ब्राह्मण समाज के सैकड़ो गणमान्य उपस्थित रहे।
अंतरराष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित
10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के अस्पताल परिसर स्थित योगा हाल में योग अभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आए हुए अतिथियों महाविद्यालय के शासी निकाय के सचिव रामानंद पांडेय, पूर्व प्राचार्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी, डॉ मधुसूदन, मोहन शर्मा एवं प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी के द्वारा दीप जलाकर एवं भगवान धन्वंतरि के तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया। योगाभ्यास शिविर में आए हुए शहर के गणमान्य व्यक्तियों एवं महाविद्यालय तथा अस्पताल के शिक्षको, चिकित्सको ,कर्मचारियों को महाविद्यालय के योगाचार्य डॉ अखिलेश्वर तिवारी ने योग के आसनों का अभ्यास कराया। योगाभ्यास के दौरान योग के आसनों का प्रदर्शन महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं डॉ आनंदी, डॉ माधवी, डॉ जया, डॉ राहुल, प्रशांत ने किया। योगाभ्यास शिविर में आए हुए महिला एवं पुरुषों के स्वस्थ रहने की कामना करते हुए महाविद्यालय के सचिव रामानंद पांडे ने कहा कि आज के युग में योग हर व्यक्ति की जरूरत बन गई और योग के द्वारा ही सभी व्यक्ति अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। पूर्व प्राचार्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने आए हुए महिला पुरुषों के सफल स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि आज के भाग दौड़ वाली जिंदगी में करें योग रहे निरोग का नारा सही चरितार्थ होताहै। प्राचार्य प्रोफेसर डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी ने कहा कि योग की शुरुआत सृष्टि के आरंभ से ही है लेकिन योग के उपर बृहद अनुसंधान महर्षि पतंजलि के द्वारा किया गया। बीच के काल में एक तरह से योग को भूला ही दिया गया था लेकिन भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक अच्छी पहल की गई जिसके चलते 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का दर्जा मिला। आज के युग में योग के प्रचार प्रसार के लिए स्वामी रामदेव का भी योगदान भुलाया नहीं जा सकता। योग करने से शारीरिक स्वास्थ्य लाभ के अलावा मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है। शरीर का हर अंग सही तरीके से कार्य करता है व्यक्ति के बौद्धिक क्षमता का विकास होता है।इस अवसर पर भारत विकास परिषद के सदस्यों के साथ महाविद्यालय के उपप्राचार्य डॉ राजा प्रसाद, प्रोफेसर डॉ उपेंद्र पर्वत, डॉ विजय गणेश यादव,डॉ दुर्गेश, डॉ शुभ नारायण तिवारी ,डॉ मनोज दुबे ,डॉ निभा, प्रकाश पांडेय अरुण पांडेय अश्वनी पाठक पंकज द्विवेदी मनोज तिवारी,आलोक जायसवाल, दीपक यादव ,अभिषेक, प्रकाश सिंह सहित सभी कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।