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तकनीकी

प्रारंभिक लक्षण मिलने पर ही हो जाए सचेत – शुरू करे उपचार

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आई टी एम आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्रशासनिक अधिकारी डॉ देव चंद्र कुशवाहा ने बताया कि किसी व्यक्ति को बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना लक्षण है तो इसे वायरल फीवर मानकर हल्के में मत लो, ऐसे में तत्काल चिकित्सक की सलाह लें, संक्रमण के ये सभी लक्षण 20 से 50 उम्र वाले लोगों को अधिक मिल रहे हैं, अपनी और अपनों की जान से न खेलें, लापरवाही ने बरतें। देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढती ही जा रही है, हमारी प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिये रात दिन प्रयास कर रही हैं। संक्रमण को नियंत्रण करने के लिये हमें सोशल मिडिया पर इलाज के तौर तरीके जो बताये जा रहे हैं, इस पर विश्वास न करें, इससे आपकी सेहत को खतरा हो सकता है। संक्रमित लक्षण मिलने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लें, जांच कराकर , क्वारंटीन होकर चिकित्सा प्रारम्भ कर दें, इसमें लापरवाही न बरते। सरकार की गाईड लाईन का पालन करते हुए अपनी बारी आने पर वैक्सीनेशन अवश्यक करा लें। हिम्मत न हारें कोरोना को हरायें, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने, बुखार, गले की खराश आदि के लिये उत्तर प्रदेश सरकार, आयुष विभाग के निर्देशानुसार संस्था द्वारा आयुष क्वाथ ,संशमनी वटी, खदिरादि वटी, संजीवनी वटी, सुर्दशन घन वटी, अणु तेल, आयुष -64 आदि औषधियों को संस्था के चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन गांव गांव जाकर बांटा जा रहा है, और कोरोना के प्रति चिकित्साकों द्वारा जनमानस को जागरूक किया जा रहा है। संस्था के चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा टेलिमेडिसिन यानि फोन द्वारा रोगियों को चिकित्सा परामर्श भी दिया जा रहा है। आप फ़ोन द्वारा परामर्श लेकर स्वस्थ लाभ प्राप्त कर सकते हैँ ! प्रतिदिन सुबह उठकर घर में ही रहकर 30 मिनट व्यायाम जरूर करें, शरीर और मन को स्वस्थ बनायें, ठंडी चीजों से परहेज करें। चिकित्सक से परामर्श लेकर मेध्य रसायन ब्राहमी, अश्वगंधा शंखपुष्पी आदि का सेवन अवश्य करें।पीने के पानी का विशेष ध्यान रखें क्योंकि कोरोना संक्रमण में पेट संबंधी बीमारियों भी पाई जा रही हैं। वहीं आई टी एम् ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन के निदेशक डॉ एस आर पांडेय एवम् कार्यकारी निदेशक संतोष कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि कोराना से ये बहुत बड़ी लड़ाई है इसमें हम सभी को सतर्कता के साथ रहने की आवश्यकता है , थोड़ी सी लापरवाही से जान जा सकती है, संस्था के मुख्य प्रशासक डी के सिंह एवम् कुल सचिव विनोद श्रीवास्तव ने अनावश्यक घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी।

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उत्तर प्रदेश

शिक्षा का महत्व – प्रोफेसर डॉ एस आर पांडे ,निदेशक आई टी एम महाराजगंज।

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डॉ एस आर पांडे शिक्षा के क्षेत्र मे एजूकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित है। उनका कहना है की –
घर शिक्षा का पहला स्थान है और माता-पिता सभी के जीवन में पहले शिक्षक हैं। बचपन में, हमें अपने घर से शिक्षा का पहला आभास मिलता है, विशेष रूप से हमारी माँ का।
हमारे माता-पिता हमें जीवन में अच्छी शिक्षा का महत्व बताते हैं। जब हम तीन या चार साल के हो जाते हैं, तो हम उचित, नियमित और अनुक्रमिक अध्ययन के लिए स्कूल भेजते हैं, जहाँ हमें कई परीक्षाएँ देनी होती हैं और फिर हमें एक कक्षा के लिए एक पास प्रमाणपत्र मिलता है।
धीरे-धीरे हम 12 वीं कक्षा तक सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने तक अपनी एक कक्षा को पास करके आगे बढ़ते हैं। फिर तकनीकी या पेशेवर डिग्री में प्रवेश पाने के लिए तैयारी शुरू करें जिसे उच्च अध्ययन कहा जाता है। जीवन में अच्छी और तकनीकी नौकरी पाने के लिए सभी के लिए उच्च अध्ययन बहुत आवश्यक है।
हम अपने माता-पिता और शिक्षकों के प्रयासों से जीवन में एक शिक्षित व्यक्ति बन जाते हैं। वे हमारे वास्तविक शुभचिंतक हैं जो हमें अपने जीवन को सफलता की ओर ले जाने में मदद करते हैं। अब-एक दिन, शिक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए कई सरकारी कार्यक्रम लागू किए गए हैं ताकि सभी को उचित शिक्षा प्राप्त हो सके।
टीवी और समाचारों पर बहुत सारे विज्ञापन दिखाए जाते हैं और लोगों को शिक्षा के लाभों और महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में क्योंकि पिछड़े या ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शिक्षा के प्रति गरीब और अनुचित समझ के कारण अध्ययन नहीं करना चाहते हैं।
पहले शिक्षा प्रणाली इतनी सख्त और महंगी थी, 12 वीं कक्षा के बाद गरीब लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं थे। लोगों में समाज में बहुत मतभेद और असमानता थी। उच्च जाति के लोग अच्छी तरह से अध्ययन कर रहे थे और निम्न जाति के लोगों को स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने की अनुमति नहीं थी।
हालाँकि वर्तमान में, शिक्षा के पूरे मानदंड और विषय को एक बड़े स्तर पर बदल दिया गया है। भारत सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली को सभी स्तर के लोगों के लिए सुलभ और कम खर्चीली बनाने के लिए कई नियम और कानून बनाए गए हैं और उन्हें लागू किया गया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रमों ने उच्च अध्ययन को इतना सरल और सस्ता बना दिया है कि पिछड़े क्षेत्रों के लोग, गरीब लोग और अच्छी जिंदगी जीने वाले लोग भविष्य में शिक्षा और सफलता तक समान पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। अच्छी तरह से शिक्षित लोग देश के स्वस्थ स्तंभ बनाते हैं और भविष्य में इसे आगे बढ़ाते हैं। तो, शिक्षा वह उपकरण है जो जीवन, समाज और राष्ट्र में हर असंभव चीज को संभव बना सकता है।

डॉ एस आर पांडे शिक्षा के छेत्र मे एजूकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित है।

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उत्तर प्रदेश

असंगठित क्षेत्र के कर्मकारो की पंजीयन हेतु पोर्टल पंजीकरण का शुभारभ्म

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महराजगंज।  आपदा महामारी के दृष्टिगत उ0प्र0भवन एवं अन्य निमार्ण कामगारो की  राहत सहायता तथा  उ0प्र0राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में असंगठित क्षेत्र के कर्मकारो की पंजीयन हेतु पोर्टल पंजीकरण का शुभारंभ मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ उ0प्र0 द्वारा आनलाईन बी0सी0 के माध्यम से किया गया । इस अवसर में उ0प्र0 के सभी जिलो के 23.05 लाख कर्मकारो के खातों में रू01000 खाते मे स्थानान्तरण किया गया । कुल खाते में स्थानान्तरित धनराशि 230 करोड की है । जिले में भी इस अवसर पर कलेक्ट्रेट भवन सूचना विज्ञान केन्द्र में प्राकलन समिति सभापति/पनियरा विधायक मा0 ज्ञानेन्द्र सिंह व सदर विधायक जयमंगल कन्नौजिया द्वारा जिलाधिकारी डा0 उज्ज्वल कुमार के समक्ष 5 कामगारो को 1000- 1000 रू0 का प्रमाण पत्र दिया गया ।

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उत्तर प्रदेश

निर्वाचन नामावलिओं/वोटरलिस्ट में नाम दर्ज करायें

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महराजगंज। जिलाधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार द्वारा निर्वाचक नामालियों की पुनरीक्षण कार्य की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों साथ करते हुए निर्देश दिया कि एलेक्शन मूड में आये और निर्वाचक नामावलियों को दुरूशत किये जाये। जिलाधिकारी द्वारा 18 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले सभी बालक व बालिकाओं की फार्म-6 भरावें तथा निर्वाचन नामावलिओं/वोटरलिस्ट में नाम दर्ज करायें । इसके लिए वीएल ओ को फार्म-6(परिवर्धन),फार्म -7(अपमार्जन) व फार्म -8 (संशोधन ) को वितरित किये जाये। उन्होंने कहा कि समयपूर्व नाम जोडने, नाम संशोधन,तथा मृत या गलत तरीके से जोडे गये नामो को हटाये जाये व सही नामों को कम्प्युटर में फीड करने का कार्य प्रारम्भ कर दिये जाये। उन्होने सभी एस0डी0एम0को निर्देशित किया कि बीएल ओ पर निगरानी भी रखी जाये कि द्वेशभाव में कार्य न करें, कि सही नाम के बजाय गलत नाम दर्ज करें । निर्वाचन नामालियों हेतु फार्म अवश्य भरवाये जाये । पूर्व में प्राप्त आवेदनो के निस्तारण में निचलौल सबसे नीचे है जिसे सुधारने की आवश्यकता बताया। 

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