Uncategorized
विश्व बाल श्रम से मुक्ति हेतु हम सब एकजुट हों : डॉ चक्रपाणि हिमांशु
सचिन पर्वत, लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क (पटना)-; हम सभी जानते हैं कि बाल मजदूरी के प्रति विरोध एवं जगरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के द्वारा जागरूकता पैदा करने के लिए 2002 में विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की।उक्त बातें अध्यक्ष, बिहार राज्य बाल श्रम आयोग, पटना डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने लोकतंत्र न्यूजसे बातचीत के दौरान बताया कि वर्तमान में देश के विभिन्न क्षेत्रों में छोटे स्तर पर होटल, घरों व फैक्ट्री में काम कर या अलग अलग व्यवसाय में मजदूरी कर हजारों बाल श्रमिक अपने बचपन की तिलांजलि दे रहें हैं, जिन्हें न तो किसी कानून की जानकारी है, और ना ही पेट पालने का कोई और तरीका पता है| हमारे राज्य बिहार, मध्यप्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, आंध्रप्रदेश, आसाम, त्रिपुरा और संपूर्ण भारत में बाल श्रमिक हैं जो कालीन, दियासलाई, रत्न पॉलिश व जवाहरात, पीतल व कांच, बीड़ी उघोग, हस्तशिल्प, सूती होजरी, नारियल रेशा, सिल्क, हथकरघा, कढ़ाई, बुनाई, रेशम, लकड़ी की नक्काशी, फिश फीजिंग, पत्थर की खुदाई, स्लेट पेंसिल, चाय के बागान और बाल वैश्यावृत्ति के कार्य करते देखे जा सकते हैं। लेकिन कम उम्र में इस तरह के कार्यों को असावधानी से करने पर इन्हें कई तरह की बीमारियां होने का खतरा होता है।अध्ययन करने पर ये पाया गया, कि जितने भी बच्चे बालश्रम में लिप्त हैं, वे या तो निरक्षर हैं या पढ़ाई छोड़ दी है। इनमें अधिकांश बच्चे बीमार पाए गए और कई बच्चे नशे के आदि भी थे।
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों और नीति निर्देशों के अनुसार कहा गया है –
- धारा 24- 14 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा किसी फैक्ट्री या खदान में कार्य करने के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा और ना ही किसी खतरनाक नियोजन में नियुक्त किया जाएगा।
- धारा 39-ई – राज्य अपनी नीतियां इस तरह निर्धारित करे कि श्रमिकों, पुरूषों और महिलाओं का स्वास्थ्य तथा उनकी क्षमता सुरक्षित रह सकें, बच्चों की कम उम्र का शोषण न हो, न ही वे अपनी उम्र और शक्ति के प्रतिकूल, आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रवेश करें।
- धारा 39 -एफ – बच्चों को स्वस्थ्, स्वतंत्र व सम्मानजनक स्थिति में विकास के अवसर व सुविधाएं दी जाएंगी और बचपन व युवावस्था के नैतिक व भौतिक दुरूपयोग से बचाया जाएगा।
बालश्रम के लिए कानून की बात करें तो - बालश्रम निषेध व नियमन कानून 1986 – इस कानून के अनुसार 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए अहितकर 13 पेशे औ 57 प्रक्रियाओं में, नियोजन को निषिद्ध बनाया गया है।ये सभी पेशे और प्रक्रियाएं कानून की सूची में दिए गए हैं।
- फैक्ट्री कानून 1948 – यह कानून 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के नियोजन को निषिद्ध करता है। इसके अनुसार 15 से 18 वर्ष तक के किशोर किसी भी फैक्ट्री में तभी नियुक्त किए जा सकते हैं, जब उनके पास किसी अधिक़त चिकित्सक का फिटनेस प्रमाण पत्र हो। इसके साथ ही इस कानून में 14 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए हर दिन साढ़े चार घंटे की कार्य अवधि रखने के साथ ही रात के वक्त उनके कार्य करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- भारत में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई में महत्वपूर्ण न्यायिक हस्तक्षेप 1996 में उच्चतम न्यायालय के उस फैसले से आया, जिसमें संघीय और राज्य सरकारों को खतरनाक प्रक्रियाओं और पेशों में काम करने वाले बच्चों की पहचान करने, उन्हें काम से हटाने और उन्हें गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया गया था।
इस दिशा में श्रम संसाधन विभाग एवं समाज कल्याण विभाग ने जागरूकता फैलाने के अलावा कई कार्यक्रम चलाए हैं जिससे बाल श्रम में गिरावट आई है| लेकिन अभी भी काफ़ी कुछ किए जाने की ज़रूरत है, उन्होंने बाल मज़दूरी के चंगुल से बच्चे-बच्चियों को मुक्त कराने में सरकार के साथ-साथ जीविका दीदियों, पंचायती राज संस्थाओं एवं सामाजिक संगठनों की भी अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए उनसे मिलजुल कर पूरी सक्रियता व संवेदनशीलता के साथ कार्य करने का आह्वान किया|
उन्होंने बाल श्रम को ख़त्म करने के लिए अभिभावकों की काउंसलिंग के साथ-साथ सामुदायिक स्तर पर सक्रियता पर जोर दिया| साथ ही, उन्होंने आह्वान किया कि अपने आसपास बाल श्रम संबंधी गतिविधियों के बारे में 1098 पर रिपोर्ट करें अथवा अपने क्षेत्र के श्रम आयुक्त से संपर्क करें| सरकार द्वारा नए उद्योग स्थापित करने एवं स्कूल जाने योग्य सभी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में भी तेज़ी से प्रयास किए जा रहे हैं जिससे बिहार को बाल श्रम मुक्त बनाने में बहुत मदद मिलेगी. आगे उन्होंने जानकारी दी कि विभिन्न विभागों के समेकित प्रयास से अब तक 1963 बच्चों को बाल श्रम जैसे अमानवीय कुचक्र से मुक्त कराया गया है|
अद्यतन स्थिति के अनुसार राज्य में वित्तीय वर्ष 22-23 कुल 908 और 23-24 में अब तक कुल 146 बच्चों को बाल श्रम से विमुक्त कराया गया है| आप सभी प्रबुद्धजनों, समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों से बिहार राज्य बाल श्रम आयोग के अध्यक्ष के नाते अपील करता हूँ कि जागरूकता, आपसी जनभागीदारी और समन्वय से ही राज्य को बाल श्रम से मुक्त कराया जा सकता है|
बंगाल
मुहर्रम पर विधिव्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की बैठक
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान- मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में आगामी मुहर्रम पर्व 2024 के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आहूत की गयी। जिसमें मुख्य रूप से विधि व्यवस्था, शांति समिति की बैठक, निरोधात्मक कार्रवाई एवं अन्य व्यवस्था आदि पर सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ विस्तार से चर्चा की गयी। विधि व्यवस्था के संबंध में उपर्युक्त स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, संवदेनशील स्थानों को चिन्हित करना, रूट का सत्यापन एवं विगत वर्षों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर ससमय उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया ताकि विधि व्यवस्था बनी रहे। जिलास्तर से लेकर अनुमंडल एवं थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक का आयोजन कराने के साथ-साथ संबंधित अनुमंडलों में मुहर्रम पर्व के अवसर पर विभिन्न धाराओं के तहत असामाजिक व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मुहर्रम पर्व के अवसर पर यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु नगर गश्ती दल, ध्वनी प्रदुषण / मद्यनिषेध पर रोक, चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ किये जाने का निदेश दिया गया ताकि मुहर्रम पर्व को शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में अमनो अमान एवं भाईचारे के साथ मनाया जा सके। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सिवान जिला से जिला पदाधिकारी सिवान, पुलिस अधीक्षक सिवान, सुश्री नेहा कुमारी प्रशिक्षु आई०ए०एस० एवं विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा सिवान आदि उपस्थित रहे।
सिवान
सेल्फी विथ प्लांट अभियान के अंतर्गत किया गया पौधरोपण
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान-; सेल्फी विथ प्लांट के अंतर्गत एक बार फिर से रविवार को हसनपूरवा गाँव में आवला और नीम के पौधों को लगाकर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया गया।इस अभियान के अंतर्गत लगातार प्रत्येक रविवार को वृक्षरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का शपथ लिया गया जिसमें डेनीयल क्लब ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अमित वेलफेयर ट्रस्ट के निदेशक अमित सिंह भी मौजूद रहे। बतादें कि हरित संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर कार्य कर रही संस्था डेनीयल क्लब ट्रस्ट ने इस अभियान को लगातार विस्तारित करने की बात कही। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष विदित कुमार सोनी, सचिव पंकज गुप्ता, मनीष, विजय प्रकाश, नेमतुल्लाह, अभिषेक गिरी, गौरव श्रीवास्तव, डा अमित, महाराजा दुबे, दीपक राम समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।ट्रस्ट ने आधिकारिक बयान मे बताया की आज के पौधरोपण के साथ ही 100 पौधे पुरे हुए और अब इसे और धार देने की जरुरत है।सचिव पंकज जी ने नीम और आवला जैसे पौधो की उपयोगिता के बारे मे लोगो को जानकारी दी और जागरूक किया।
सिवान
दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” का हुआ शुभारंभ
लोकतंत्र न्यूज नेटवर्क, सिवान-; राष्ट्र सर्वोपरि की सोच रखने वाले देश के प्रबुद्ध नागरिकों का अखिल भारतीय संगठन भारत विकास परिषद् के संस्थापक डॉ सूरज प्रकाश जी के जयंती के अवसर पर गुरुवार को दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के अस्पताल परिसर में भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा सिवान के तत्वावधान में “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर शहर के प्रसिद्ध जांच घर एक्यूरेट डायग्नोसिस सेंटर के सहयोग से दर्जनों महिलाओं का हीमोग्लोबिन जाँच कर के उन्हें डॉ अंजू सिंह के नेतृत्व में उचित परामर्श एवं मुफ्त दवा उपलब्ध कराया गया।इस मौके पर भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा के सचिव भारत भूषण पाण्डेय ने बताया कि परिषद् के द्वारा प्रति माह अलग-अलग स्थानों पर शिविर आयोजित कर के अधिक से अधिक महिलाओं एवं बालिकाओं का हीमोग्लोबिन जांच कर के उन्हें उचित परामर्श एवं मुफ्त में दवा उपलब्ध कराया जाएगा।
बताते चलें कि गुरुवार को डॉ सुरज प्रकाश जी के जयंती के अवसर पर सर्वप्रथम उनके तैल चित्र पर भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा सिवान के सदस्यों ने प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी के नेतृत्व में पुष्पांजलि अर्पित कर के डॉ सुरज प्रकाश जी को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सचिव भारत भूषण पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ श्रवण सिंह, वरिष्ठ सदस्य नवीन सिंह परमार, रोहित कुमार, इंदल कुमार सिंह, निलेश वर्मा, आनंद मित्तल, मनोज कुमार सिंह, वरुण कुमार द्विवेदी, महिला बाल विकास प्रमुख डॉ अंजू सिंह,अस्पताल प्रभारी डॉ विजय गणेश यादव, डॉ शुभनारायण तिवारी
सहित दर्जनों की संख्या में भारत विकास परिषद् के सदस्य एवं शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।