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जिन्दा लोगों के लिए जगह नहीं,मुर्दों के लिए विशाल भूखंड हैं दिल्ली में
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दिल्ली भारत का अति प्राचीन शहर है । दिल्ली को चार हिस्सों में बांटा जा सकता है — ( 1 ) पुरानी दिल्ली , ( 2 ) नयी दिल्ली , ( 3 ) छावनी दिल्ली और ( 4 ) बाहरी दिल्ली या दिल्ली देहात जिसमें दिल्ली के गांव हैं । वर्तमान में दिल्ली की जनसंख्या लगभग दो करोड़ है । समय – समय पर इसके अनेक नाम रहे हैं । महाभारत काल में इसे इंद्रप्रस्थ कहते थे । यह सदैव से ही विदेशी हमलावरों के निशाने पर रही है । कहते हैं कि दिल्ली सात बार उजड़ी है और सात बार बसी है । जिसने दिल्ली पर कब्जा किया वह हिन्दुस्तान पर भी कब्जा कर लेता था । अनेक बाहरी लोग यहाँ आकर बसे और फिर वे सदा के लिए दिल्ली के बनकर रह गए। इस लिए दिल्ली में खिचड़ी संस्कृति है । भारत के सभी प्रदेशों की झलक यहां देखने को मिल जाती है।
दिल्ली का अपना कोई निजी मौसम ( क्लाइमेट ) नहीं है । शिमला , श्रीनगर , नैनीताल में यदि बर्फबारी हो जाये तो दिल्ली ठंड से थर – थर कांपने लगती है । राजस्थान , हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आंधी चल पड़े तो दिल्ली के लोगों की आंखें धुंधिया जाती हैं । हिमाचल , पंजाब और हरियाणा में ज़ोरदार बारिश हो जाये तो दिल्ली बाढ़ की चपेट में आ जाती है।
दिल्ली में कृषि से इतनी पैदावार नहीं होती कि सभी दिल्लीवासियों का पेट भरा जा सके । पंजाब , हरियाणा , राजस्थान और उत्तर प्रदेश इसकी इस ज़रूरत को पूरा करते हैं । दिल्ली में अशोक होटल , मौर्य होटल , ओबेरॉय होटल जैसी शानदार बिल्डिंगें हैं वहीं दूसरी ओर 50 लाख लोग ऐसे हैं जो अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे हैं जहाँ मूलभूत सुविधाओं का अभाव है । इससे भी बुरी बात यह है कि दिल्ली में लाखों लोग खुले आसमान के नीचे सोते हैं । उनके सिर पर कोई आशियाना नहीं है । तभी तो मैंने अपने एक गीत में लिखा है :-
“लाखों – लाखों भवन बने हैं
वाह री दिल्ली !
फुटपाथों पे सोती फिर भी आधी दिल्ली !!”
जाड़े में हर साल अनेक लोग ठिठुरकर मर जाते हैं । यह दिल्ली की नंगी सच्चाई है।
वहीं दूसरी ओर मरे हुए राष्ट्रपतियों , प्रधानमंत्रियों , राजनीतिक दलों के नेताओं और जातीय नेताओं की समाधियों , मजारों और दरगाहों के लिए हज़ारों एकड़ भूमि आवंटित है या जबरन घेर रखी है । वहाँ लम्बे – चौड़े स्टाफ काम कर रहे हैं । रिसर्च सेंटर खुले हुए हैं । पुस्तकों के अनुवाद और प्रकाशन जारी हैं । बिल पर बिल बनाये जा रहे हैं । उन रिसर्च का आम आदमी को कोई फायदा नहीं है । रिसर्च भी करनी है तो एक – दो कमरों में कर लो लेकिन वहाँ तो बिल्डिंगों के साथ सैंकड़ों बीघाओं में खाली ग्राउण्ड पड़े हैं जिनका कोई रिहायशी उपयोग नहीं है । जीवन एक बार ही मिलता है , बार – बार नहीं । एक जीवन मिला और वह भी रोने – धोने में चला गया और एक मकान तक भी उपलब्ध नहीं हो सका तो फिर इस दुनिया में आने का फायदा ही क्या ? इससे तो अच्छा होता कि पैदा ही नहीं होते । ज़िंदगी मिली है तो एक घर भी मिलना चाहिए । सभी को घर – परिवार सहित जीने का हक़ होना चाहिये।
आखिर इस समस्या का समाधान क्या है ? समाधान सीधा – सच्चा है कि शासकीय और राजनीतिक नेताओं की समाधियां , मजारों और दरगाहों को दिल्ली में न बनाकर उनके जन्मस्थानों में बननी चाहिए। मान लो कोई नेता तमिलनाडु या अरूणाचल प्रदेश या उत्तर प्रदेश के किसी गांव का है तो उसके जन्मस्थान पर उसकी समाधि बने ताकि वहाँ के लोग उसे देख सकें और उस पर गर्व कर सकें । हर प्रदेश के लिए यही कसौटी होनी चाहिए । दिल्ली में उसकी समाधि या मजार बनाने से कोई फायदा नहीं है । दूसरा बिंदु यह है कि समाधियों , मजारों और दरगाहों को हटाकर उन ज़मीनों पर छोटे – छोटे बहुमंजिला रिहायशी फ्लैट बनाये जायें।आज़ादी के 70 – 75 सालों में यह हाल है और आगे तो बड़ा लम्बा समय पड़ा है , सैंकड़ों , हज़ारों , लाखों लोग मरते रहेंगे और हम उनके लिए समाधियाँ या कब्रें बनाते रहेंगे तो फिर एक दिन ऐसा भी आ सकता है कि दिल्ली के किसी जीवित व्यक्ति को रहने के लिए घर ही न मिले।
इस गम्भीर समस्या पर सरकार और समाज को गम्भीरतापूर्वक विचार करके समाधान खोजा जाना चाहिए ताकि दिल्ली में कोई व्यक्ति बेघर न रहे । हर हाथ के लिए काम , हर पेट के लिए रोटी और हर सिर के लिए एक छत का होना अत्यंत आवश्यक है।
पुरानी दिल्ली में ऐसी – ऐसी पतली गलियां और ऐसे – ऐसे सटे हुए घर भी हैं जहां ठीक से सूर्य की रौशनी पहुंचने नहीं पाती है । मैं एक बार दिल्ली की नई सड़क पर दरियां खरीदने के लिए चला गया । वहां सड़क पर बाहर ही दलाल ( एजेंट ) मिल जाते हैं । वे अपने दुकानदारों तक ग्राहकों को ले जाते हैं जिसके बदले में उनको कमीशन मिलता है । ऐसा ही दलाल मुझे मिल गया । वह मुझे अपने साथ एक पतली सी गली में ले गया । आगे चलकर गली और भी पतली होती चली गई । फिर वह सीढ़ियों से ऊपर की ओर ले गया । छत से छत तक वह मुझे पता नहीं कहां ले गया । फिर हम सीढ़ियों से नीचे गए । शायद वह कोई पुरानी हवेली थी । चारों ओर अंधेरा छाया हुआ था । वहीं एक मिट्टी के तेल की डिबिया जलाये हुए एक आदमी बैठा हुआ था जिसका परिचय मुझसे दुकानदार के रूप में कराया गया । वहां दरियां ही दरियां भरी पड़ी थीं । मेरा ध्यान दरियों को खरीदने से ज्यादा इस बात पर लगा हुआ था कि वहां से बाहर कैसे निकला जाये । मुझे इस बात का डर सता रहा था कि कहीं मुझे मारकर किसी तहखाने में न डाल दिया जाये । अतः मामूली सी खरीददारी करके मैं वहां से वापस बाहर आ सका । इतनी खतरनाक गलियां हैं । यदि कोई अपराधी कोई अपराध करके उन गलियों में छिप जाये तो पुलिस को उस तक पहुंचने में भारी दिक्कत आती है । सरकार को चाहिए कि ऐसे निवासियों को वहां से हटाकर नई काॅलोनियों में बसाना चाहिए।
दिल्ली में रहने की ऐसी जगह भी हैं जहां आदमी ठीक से पैर भी नहीं फैला सकता है और वहीं ऐसे – ऐसे प्लाॅट या बिल्डिंगें हैं जो कई बीघाओं में हैं लेकिन उनमें दो – चार इंसान रहते हैं क्योंकि उन परिवारों के बच्चे विदेशों में रहते हैं और बूढ़े मां – बाप उन फ्लैटों या बिल्डिंगों में रहते हैं । इतना अंतर सरासर ग़लत है । सभी परिवारों को निश्चित माप के एक जैसे घर या फ्लैट दिये जायें जहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों । दिल्ली को नये ढंग से बसाने की ज़रूरत है । वैसे अब दिल्ली में जो नई काॅलोनियों बसाई जा रही हैं उनमें इन सभी बातों का ध्यान रखा जा रहा है । प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जो मकान बनाए जा रहे हैं उनमें से हर मकान में शौचालय अवश्य बनाया जा रहा है क्योंकि यह मूलभूत ज़रूरत है।
★★ विचारक :- गिरिवर गिरि गोस्वामी निर्मोही , नयी दिल्ली, 9818461932
बंगाल
मुहर्रम पर विधिव्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की बैठक
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान- मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में आगामी मुहर्रम पर्व 2024 के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आहूत की गयी। जिसमें मुख्य रूप से विधि व्यवस्था, शांति समिति की बैठक, निरोधात्मक कार्रवाई एवं अन्य व्यवस्था आदि पर सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ विस्तार से चर्चा की गयी। विधि व्यवस्था के संबंध में उपर्युक्त स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, संवदेनशील स्थानों को चिन्हित करना, रूट का सत्यापन एवं विगत वर्षों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर ससमय उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया ताकि विधि व्यवस्था बनी रहे। जिलास्तर से लेकर अनुमंडल एवं थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक का आयोजन कराने के साथ-साथ संबंधित अनुमंडलों में मुहर्रम पर्व के अवसर पर विभिन्न धाराओं के तहत असामाजिक व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मुहर्रम पर्व के अवसर पर यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु नगर गश्ती दल, ध्वनी प्रदुषण / मद्यनिषेध पर रोक, चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ किये जाने का निदेश दिया गया ताकि मुहर्रम पर्व को शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में अमनो अमान एवं भाईचारे के साथ मनाया जा सके। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सिवान जिला से जिला पदाधिकारी सिवान, पुलिस अधीक्षक सिवान, सुश्री नेहा कुमारी प्रशिक्षु आई०ए०एस० एवं विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा सिवान आदि उपस्थित रहे।
सिवान
सेल्फी विथ प्लांट अभियान के अंतर्गत किया गया पौधरोपण
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान-; सेल्फी विथ प्लांट के अंतर्गत एक बार फिर से रविवार को हसनपूरवा गाँव में आवला और नीम के पौधों को लगाकर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश दिया गया।इस अभियान के अंतर्गत लगातार प्रत्येक रविवार को वृक्षरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का शपथ लिया गया जिसमें डेनीयल क्लब ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों के साथ अमित वेलफेयर ट्रस्ट के निदेशक अमित सिंह भी मौजूद रहे। बतादें कि हरित संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर कार्य कर रही संस्था डेनीयल क्लब ट्रस्ट ने इस अभियान को लगातार विस्तारित करने की बात कही। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष विदित कुमार सोनी, सचिव पंकज गुप्ता, मनीष, विजय प्रकाश, नेमतुल्लाह, अभिषेक गिरी, गौरव श्रीवास्तव, डा अमित, महाराजा दुबे, दीपक राम समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।ट्रस्ट ने आधिकारिक बयान मे बताया की आज के पौधरोपण के साथ ही 100 पौधे पुरे हुए और अब इसे और धार देने की जरुरत है।सचिव पंकज जी ने नीम और आवला जैसे पौधो की उपयोगिता के बारे मे लोगो को जानकारी दी और जागरूक किया।
सिवान
दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज में “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” का हुआ शुभारंभ
लोकतंत्र न्यूज नेटवर्क, सिवान-; राष्ट्र सर्वोपरि की सोच रखने वाले देश के प्रबुद्ध नागरिकों का अखिल भारतीय संगठन भारत विकास परिषद् के संस्थापक डॉ सूरज प्रकाश जी के जयंती के अवसर पर गुरुवार को दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के अस्पताल परिसर में भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा सिवान के तत्वावधान में “एनीमिया मुक्त भारत अभियान” का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर शहर के प्रसिद्ध जांच घर एक्यूरेट डायग्नोसिस सेंटर के सहयोग से दर्जनों महिलाओं का हीमोग्लोबिन जाँच कर के उन्हें डॉ अंजू सिंह के नेतृत्व में उचित परामर्श एवं मुफ्त दवा उपलब्ध कराया गया।इस मौके पर भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा के सचिव भारत भूषण पाण्डेय ने बताया कि परिषद् के द्वारा प्रति माह अलग-अलग स्थानों पर शिविर आयोजित कर के अधिक से अधिक महिलाओं एवं बालिकाओं का हीमोग्लोबिन जांच कर के उन्हें उचित परामर्श एवं मुफ्त में दवा उपलब्ध कराया जाएगा।
बताते चलें कि गुरुवार को डॉ सुरज प्रकाश जी के जयंती के अवसर पर सर्वप्रथम उनके तैल चित्र पर भारत विकास परिषद् देशरत्न शाखा सिवान के सदस्यों ने प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ सुधांशु शेखर त्रिपाठी के नेतृत्व में पुष्पांजलि अर्पित कर के डॉ सुरज प्रकाश जी को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर सचिव भारत भूषण पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ श्रवण सिंह, वरिष्ठ सदस्य नवीन सिंह परमार, रोहित कुमार, इंदल कुमार सिंह, निलेश वर्मा, आनंद मित्तल, मनोज कुमार सिंह, वरुण कुमार द्विवेदी, महिला बाल विकास प्रमुख डॉ अंजू सिंह,अस्पताल प्रभारी डॉ विजय गणेश यादव, डॉ शुभनारायण तिवारी
सहित दर्जनों की संख्या में भारत विकास परिषद् के सदस्य एवं शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।