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महिला सशक्तिकरण सम्मान समारोह में विभिन्न हस्तियों को किया गया सम्मानित
योगीराज आर्यन गिरि,पटना-; प्रेम रंगालय मंच,सोनी कला केंद्र द्वारा बुधवार को आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मान समारोह 2021 दीपक सोनी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें बिहार के सभी क्षेत्र की महिलाओं जिनमें कई पद्मश्री से सम्मानित हैं,सहित उत्कृष्ट राष्ट्र भक्तों एवं कलाकरो,समाजसेवी संस्थाओं को सम्मानित किया गया।इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न राजेंद्र प्रसाद जी के प्रपौत्र मनीष सिन्हा एवं बिहार संवेदक संघ के अध्यक्ष मुन्ना सिंह,युवा समाजसेवी योगीराज आर्यन गिरि,बीजेपी नेत्री नीलमा सिंह, बीजेपी पूर्व मंत्री प्रेम बाबू, एवं डॉ जूली सिन्हा सहित समाजसेवी चंद्र गुप्ता, निधि कुमारी एवं कई पदम श्री सम्मानित अतिथि गण एवं सैकड़ों कलाकार व समाजसेवी उपस्थित रहे।
स्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है अर्थात स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व माना गया है। इस सृजन की शक्ति को विकसित-परिष्कृति कर उसे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, अवसर की समानता का सु-अवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का आशय है।
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मुहर्रम पर विधिव्यवस्था को लेकर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की बैठक
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क, सिवान- मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में आगामी मुहर्रम पर्व 2024 के अवसर पर विधि व्यवस्था संधारण को लेकर बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आहूत की गयी। जिसमें मुख्य रूप से विधि व्यवस्था, शांति समिति की बैठक, निरोधात्मक कार्रवाई एवं अन्य व्यवस्था आदि पर सभी जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ विस्तार से चर्चा की गयी। विधि व्यवस्था के संबंध में उपर्युक्त स्थानों पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, संवदेनशील स्थानों को चिन्हित करना, रूट का सत्यापन एवं विगत वर्षों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर ससमय उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया ताकि विधि व्यवस्था बनी रहे। जिलास्तर से लेकर अनुमंडल एवं थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक का आयोजन कराने के साथ-साथ संबंधित अनुमंडलों में मुहर्रम पर्व के अवसर पर विभिन्न धाराओं के तहत असामाजिक व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने की आवश्यकता है। मुहर्रम पर्व के अवसर पर यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु नगर गश्ती दल, ध्वनी प्रदुषण / मद्यनिषेध पर रोक, चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ किये जाने का निदेश दिया गया ताकि मुहर्रम पर्व को शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में अमनो अमान एवं भाईचारे के साथ मनाया जा सके। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सिवान जिला से जिला पदाधिकारी सिवान, पुलिस अधीक्षक सिवान, सुश्री नेहा कुमारी प्रशिक्षु आई०ए०एस० एवं विशेष कार्य पदाधिकारी गोपनीय शाखा सिवान आदि उपस्थित रहे।
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जाति के कॉलम में “गोस्वामी” लिखें : डॉ. पी.एस. दयाल यति
गिरि,पुरी,भारती,सरस्वती,वन,अरण्य,पर्वत,सागर,जत्ती,यति,भौमिक,देवनाथ,नाथ,योगी,जंगम,आश्रम,तीर्थ सभी गोस्वामी हैं।
लोकतंत्र न्यूज़ नेटवर्क,पटना -: जाति आधारित जनगणना की प्रमुख बातें निम्न हैं – सबसे पहले मकानों की गिनती होगी। सभी मकानों को एक यूनिट नंबर दिया जाएगा।एक मकान में यदि दो परिवार रहते हैं तो उनका अलग-अलग नंबर होगा।एक अपार्टमेंट के सभी फ्लैट का अलग-अलग नंबर दिया जाएगा। जाति गणना फार्म पर परिवार के मुखिया का हस्ताक्षर अनिवार्य होगा।राज्य के बाहर नौकरी करने गए परिवार के सदस्यों को भी जानकारी देनी होगी।जाति गणना में उपजाति की गिनती नहीं होगी।परिवारों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी जुटाई जाएगी। प्रखंड में उपलब्ध सुविधाओं की भी जानकारी जुटाई जाएगी,जैसे – रेललाइन,तालाब,विद्यालय,डिस्पेंसरी आदि।गणना कार्य में लगाए गए कर्मियों के पास आई कार्ड होगा,जिस पर बिहार जाति आधारित जनगणना – 2022 लिखा होगा।उक्त बातें गोस्वामी जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी.एस. दयाल यति ने अपने संबोधन के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि बिहार में जातिगत जनगणना का पहला दौर 7 जनवरी,2023 से शुरू हुआ है।पहले चरण में आवासीय मकानों पर नंबर डाले जाएंगे।यह काम 15 दिन चलेगा।दूसरे चरण में 01 अप्रैल से 30 अप्रैल तक जाति की गिनती समेत 26 प्रकार की जानकारियां लोगों से ली जाएंगी।राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. यति ने जोर देते हुए कहा कि बिहार के कोने-कोने में गोस्वामी समाज के लोग गिरि,पुरी,भारती, सरस्वती,वन,अरण्य,पर्वत,सागर, जती,यति,भौमिक,देवनाथ,नाथ,योगी,जंगम,आश्रम,तीर्थ आदि सरनेम के साथ रहते हैं।जैसा कि सभी को मालूम है कि बिहार में 2013 से गोस्वामी समाज को पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का लाभ मिल रहा है।बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर पिछड़ा वर्ग की सूची में गोस्वामी, सन्यासी,अतीथ,अथित,गोसाई,जति/यति देखा जा सकता है।
उन्होंने गोस्वामी समाज से अपील किया है कि पहली बार बिहार में हो रहे जाति आधारित गणना में अपनी पूरी जानकारियां उपलब्ध करवाते समय ध्यान पूर्वक जाति वाले कॉलम में “गोस्वामी” ही दर्ज करवाएं।राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. पी.एस. दयाल यति,राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार गिरि, बौद्धिक प्रकोष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कृष्ण कुमार,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अवध नरेश गिरि,राष्ट्रीय संगठन मंत्री स्वामी तुलसीदास गोस्वामी, बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्याम कुमार गिरि,प्रदेश महामंत्री नागेंद्र कुमार भारती एवं छात्र प्रदेश अध्यक्ष रजनीकांत गिरि सहित सैकड़ों पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता समाज के बीच जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।मंच समाज के सभी संगठनों से जुड़े लोगों से आह्वान करता है कि समाज के बीच जाकर लोगों को जागरूक करें।साथ ही मठ-मंदिरों से जुड़े संत-महंत गण से भी मंच आशा करता है कि समाज को जागरूक करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
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जिओ फाउंडेशन ट्रस्ट ने छठ पर्व पर हजारों लोगों के बीच किया चाय व जल का वितरण
पटना -: लोक आस्था का महापर्व सूर्य देव की उपासना एवं छठ पूजा के शुभ अवसर पर जिओ फाउंडेशन ट्रस्ट के सक्रिय सदस्यों द्वारा विभिन्न घाटों पर 20 हजार से ज्यादा लोगों को निशुल्क कॉफी एवं चाय व जल का वितरण किया गया। सिवान में खोरीपाकर लरमामोर घाट, रोशन कुमार एवं दीपू कुमार द्वारा 1000 से ज्यादा लोगों तक सेवा किया गया। सिवान महादेवा घाट गिरीश सिंह द्वारा,12 सौ जीरादेई ने समाजसेवी नीतीश कुमार सिंह द्वारा 1 हजार लोगो तक सेवा दिया गया ,तरवारा घाट, अमित पांडे द्वारा छपरा में भगवान बाजार घाट रंजीत कुमार, चंपारण में अमित कुमार द्वारा आरा में दीपू सिंह द्वारा बक्सर में श्याम कुमार सिंह द्वारा जैसे पटना में कई जगह कलेक्ट्रेट घाट किशोर कुमार जी द्वारा बिहार के कई घाटों पर ट्रस्ट के सक्रिय सदस्यों द्वारा निशुल्क सेवा दी गई। दीघा जेपी सेतु घाट पर जिसमें ट्रस्ट के प्रबंधक निर्देशक समाजसेवी योगीराज आर्यन गिरि ने कहा कि 2000 से ज्यादा व्रतियों को स्वयं अपने हाथों से बनाकर अपनी सक्रिय टीम के माध्यम से व्रतियों को कॉफी की सेवा देने का कार्य किया गया।और उन्होंने कहा की ‘धारयति इति धर्म: जो धारण करने योग्य हो उसे हम धर्म कहते हैं। और मेरा मानना है कि सबसे बड़ा धर्म मानव सेवा ही है। सेवा ही धर्म है जय मानव! जय भारत! का नारा देते हुए कहा कि। यह पर्व बिहार ही नहीं पूरी देश-विदेश में आज धूमधाम से मनाई जा रही है। संतान की रक्षा सुरक्षा का यह पर्व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वेदों में प्रमाण मिलता है की सतयुग मैं रामायण काल मैं श्रीराम एवं मां सीता ने भी भास्कर की पूजा की थी। महाभारत मैं द्रोपति ने पांडवों की राजपाट हार जाने के बाद सूर्य की उपासना कर राजपाट वापस कराया था। मार्कंडेय पुराण में भी इस पर्व का वर्णन मिलता है। सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी जिनको हम प्रकृति देवी के नाम से भी जानते हैं। प्रकृतिक देवी ने अपने आप को 6 भागों में विभाजित कर दिया छठा अंश को देवसेना के रूप में जाना गया। छठे अंश के होने के कारण इसका नाम षष्ठी भी कहा गया उन्हीं को हम छठ मैया के नाम से जानते हैं और परंपरागत तरीके से निरंतर उसे हम आस्था का यह पर्व छठ पूजा के रूप में मनाते हैं। वैज्ञानिक तरीके से सूर्य का यह उपासना का ऊर्जा पर्व आज प्रचलन में संतान उत्पत्ति एवं संतान की रक्षा के लिए महिला एवं पुरुष छठ व्रती 36 घंटे निर्जल उपवास रखकर मनाते हैं एवं भास्कर पर भरोसा है कि सृष्टि के साक्षात ऊर्जा देने वाले देव उपासना रखने पर उस भक्तों का कल्याण एवं मनोकामना पुण जरूर करते हैं। और करते रहेंगे यह प्रकृति पर अटूट विश्वास उत्तर भारतीयों को एवं बिहारियों को पूरे विश्व में पहचान दिला रहा है। इस मौके पर लाल सिंह, दीपक कुमार, अभिषेक कुमार, समाजसेवी किशोर कुमार ने भी सेवा देने का कार्य किया।